Time Management सीखें : अपनी पूरी क्षमता को 1 Week में अनलॉक करें।

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Time Management सीखें : अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक करें।

Time समय एक सीमित संसाधन है, जो किसी के लिए प्रतीक्षा नहीं करता इसीलिए हमे समय का प्रबंधन (Time Management) सीखना चाहिए। चाहे कोई धनवान हो या निर्धन सभी को दिन मे 24 घंटे मिलते है, फिर भी कुछ लोग असाधारण प्रगती कर लेते है तो कुछ संघर्ष करते रहते है। यशस्वी होने वाले लोगों का रहस्य ये है की वे अपने समय का प्रबंधन (Time Management) करते है। वे अपने कार्यों को प्राथमिकता देते है। विकर्षणों से दुर रहने के और अनुशासित रहने के तरीके को समझकर, आप अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक कर सकते है, और अधिक उत्पादक और पुर्ण जीवन जी सकते है।

इस ब्लॉग में, हम समय प्रबंधन के सिद्धांतों और अपने शेड्यूल को नियंत्रित करने के लिए योग्य रणनीतियों का पता लगाएंगे।

Time Management

समय का प्रबंधन (Time Management) क्यों आवश्यक है?

1) समय का प्रबंधन (Time Management) से होने वाले फायदे।

  1. तनाव का कम होना :

एक सुव्यवस्थित शेड्युल अंतिम समय मे होने वाली भागदौड को कम कर देता है। ऐसा करने से हम हमारा हर एक कार्य उस कार्य कि निश्चित समयरेखा के भीतर हि कर लेते है, जिससे हमें कोई तनाव नहीं होता।

  1. उत्पादकता बढ़ाना:

उच्च प्राथमिकता वाले कार्य पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से हम कम समय में अधिक और अच्छे परिणाम हासिल करते हैं. ऐसा करने से अंत में हमारी उत्पादकता बढ़ती है.

  1. कार्य-जीवन में संतुलन का बढ़ना:

अपने समय का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करना पेशावर और व्यक्तिगत विकास दोनों के लिए अच्छा होता है. समय का सही से प्रबंधन करने से हम अपने कार्य पर अच्छी तरीके से नियंत्रण रख सकते हैं और हमारे व्यक्तिगत जीवन में भी यह हमें सुखदायी होता है.

  1. आत्मविश्वास का निर्माण होना:

अपनी प्रतिबद्धताओं का सफलतापूर्वक प्रबंधन करने से हमें मिलने वाली उपलब्धि की भावना बढ़ती है जिसके कारण हम हमारे आत्मविश्वास को बढ़ता हुआ देख सकते हैं

2) समय प्रबंधन (Time Management) के सिध्दांत।

1) प्राथमिकता

सभी कार्य एक समान नहीं होते है। हमे कार्यों को वर्गीकृत करना चाहिए।

  1. ऐसा कार्य जो अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण है।
  2. ऐसा कार्य जो महत्वपूर्ण है लेकिन अत्यावश्यक नहीं है।
  3. ऐसा कार्य जो अत्यावश्यक है लेकिन महत्वपूर्ण नहीं है।
  4. ऐसा कार्य जो न अत्यावश्यक है और नाही महत्वपूर्ण है।

इन मे पहले दो श्रेणीओं पर ध्यान केन्द्रीत करे, और बाकी कार्य किसी और को सौप दे या फिर प्राथमिकता से हटा दे|

2) टाईम ब्लोकिंग

अपने कार्य, मीटिंग्स और ब्रेक (विश्राम) के लिए अलग-अलग टाईम स्लॉट आवंटित करें। इससे आप एक समय पर एक ही कार्य पर ध्यान केन्द्रीत कर सकते है और मल्टीटास्किंग से होने वाली उत्पन्न होने वाली समस्याओं से दूर रहा सकते हो।

3) ना कहना सींखे

बहुत ज्या प्रतिबध्दता समय को व्यर्थ कर देती है, ऐसे कार्य या प्रतिबध्दता जो आपके लक्ष्य से मेल नहीं खाती उसे विनम्रता से अस्वीकार कर देना ही हमारे लिए सही होता है।

4) विकर्षणों से बचें

अपनी दिनचर्या मे ऐसे विकर्षणों की पहचान करें जो आपको केवल क्षणीक सुखदायक तथा आरामदायक हो, और उनसे दूर रहे जिससे आप अपना कार्य कुशलता से कर सकें। कोई भी कार्य करते समय सोशल मिडीया, अनियोजित कार्य और मल्टीटास्किंग से होने वाली समय व्यर्थता से बचाने के लिए योग्य रणनीती बनाए।

3) समय प्रबंधन (Time Management) के लिए उपकरण और तकनीकें।

1) टू-डू सूचियाँ

अपने कार्यो को ट्रेक कराए के लिए दैनिक या फिर साप्ताहिक सूचियों का उपयोग करना शुरू करें। इसमे आप साधारण नोटबुक तथा मोबाइल एप्स का उपयोग कर सकते है। जिससे आप अपने कार्यो पर नजर रख सकते है।

2) पोमोडोरो तकनीक

इस तकनीक का उपयोग कराते समय आपको, 25 मिनट तक अपना कार्य करते रहें, फिर 5 मिनट का ब्रेक (विश्राम) ले लें। ऐसा करने से आपका फोकस बढ़ेगा और बर्नआउट कम होगा।

3) कलेंडर प्रबंधन (Management)

Google कलेंडर तथा Outlook जैसे उपकरणों का उपयोग अपने कार्य को शेड्यूल करने के लिए करें। रिमाइन्डर सेट करके आप प्रभावी ढंग से अपनी कार्य कुशलता को बढ़ा सकते है।

4) कार्य को स्वयंचलित करें तथा दूसरों को सौंपे।

ऐसे कार्य जिन्हे दुसरे लोग संभाल सकते है, उन्हे उन लोगों में सौँप दे। जो कार्य बार बार दोहराना है, उसे तकनीक की सहायता से स्वयंचलित करें।

4) ट्रेक पर बने रहने के लिये क्या करें

1) कठीन कार्य से शुरुआत।

दिन कि शुरुआत कठीन कार्य से करे, चुनौतीपुर्ण कार्य आपकी क्षमता और उत्साह को बढाते है।

2) दिन कि समीक्षा।

प्रत्येक दिन के अंत में अपने पुरे दिन के कार्यों की समीक्षा करें और उपलब्धियां तथा सुधार के क्षेत्रो पर विचार करें।

3) लचीलापन बनाए रखें।

जीवन अप्रत्याशीत होता है, इसिलिये जब आवश्यकता हो तब अपनी योजनाओं को समायोजित तथा पुर्ननियोजित करे।

4) स्वत: को पुरस्कृत करें।

प्रेरीत बने रहने के लिये, छोटी छोटी जीत पर अपने आपका आभार व्यक्त करें।

5) समय प्रबंधन (Time Management) में अनुशासन की भुमिका

अगर अनुशासन न हो तो अच्छी अच्छी प्रबंधन (Management) रणनीती भी विफल हो जाती है। अपनी योजानाओं के प्रति प्रतिबध्द रहना, भले ही विकर्षण उत्पन्न हो यही आपकी निरंतर प्रगती को सुनिश्चित करता है। अनुशासित बने रहने मे समय लगता है, जिसके लिये आपको धैर्य रखना होगा।

6) अंतिम विचार

समय प्रबंधन (Time Management) यह एक ऐसा कौशल है जिसे आप सिर्फ नियमित अभ्यास से ही विकसित कर सकते है। अच्छी प्रबंधन रणनीतिओं को लाग करके आप अपने जीवन मे बहुत कुछ प्राप्त कर सकते है तथा अपने जीवन को संतुलित और सफल बना सकते है।

याद रखें समय प्रबंधन(Time Management) का अर्थ यह नहीं है की हमे सबकुछ करना है बल्कि इसका यह है की उस पर ध्यान केन्द्रित करें जो करने योग्य है।

आप अपने समय पर महारत हासिल करने के लिए क्या कदम उठाएंगे? हमे कमेंट्स मे बताए।

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